Thursday 2 April 2020

सन्नाटा



हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है 
इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया  है !

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है बेरंग सी ज़िन्दगी हो चला है 
ये हाल ऐ दिल बेख़याली में उतर आया है !

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है अब तो बेवज़ह सी बातों की भी  वजह समझ में आने लगा है 
अब हर तरफ नशा नशा सा आलम छाया है ll 

1 comment:

  1. Nice .... Mahol bhi kuchh is tarah hai aj Kal snnaata to hai pr shor dilo me apne machaya hai....

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सन्नाटा

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