Saturday 26 December 2015

USKI YAAD..!!

चाँदनी रात दिल में जगाती एक अलग सि आस।
देख कर उस चमकते चाँद को आ जाती है उसकी याद।

ये जगमाती रात.... वो धीमी सी आती मीठी आवाज़।
देख कर उस उजले चाँद को आ जाती है मुझे उसकी याद।

ये शर्माती रात.... वो बेहेकती सी बात।
ये चाँदनी रात में है कुछ अलग सी बात।
देख कर उस पूरे चाँद को आ जाती है मुझे उसके फिर से याद।

सन्नाटा

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है  इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया  है ! हर तरफ सन्न...