बेवज़ह सी बातें हर वक़्त तुमसे होना।
बेवजह मेरा और तुम्हारा मिलना।
सबकुछ बेवजह सा यूं ही हो जाना।
कुछ तो वजह है इन बेवजह सी हालातों का होना।
सारी रातें बेवज़ह मेरा जगना।
तारों से बातें किया करना।
फिर उन तारों में तुमको देखना।
बेवजह सी रातों का यूँ ही कट जाना।
बेवजह तुम्हारी आंखें मेरी आँखों से मिल जाना ।
फिर तुम्हारा यूँ ही मुस्कुराना ।
बेवजह लम्हों का धागा सा बंध जाना।
बेवजह किसी को याद कर यूँ ही आँखे नम नहि होती है।
दो पल का ही मिलना सही पर उसमे भी कुछ न कुछ तो वजह होती है।
बेवज़ह सा मैं और तुम।