हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है
इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया है !
हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है बेरंग सी ज़िन्दगी हो चला है
ये हाल ऐ दिल बेख़याली में उतर आया है !
हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है अब तो बेवज़ह सी बातों की भी वजह समझ में आने लगा है
अब हर तरफ नशा नशा सा आलम छाया है ll