Thursday, 2 April 2020

सन्नाटा



हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है 
इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया  है !

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है बेरंग सी ज़िन्दगी हो चला है 
ये हाल ऐ दिल बेख़याली में उतर आया है !

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है अब तो बेवज़ह सी बातों की भी  वजह समझ में आने लगा है 
अब हर तरफ नशा नशा सा आलम छाया है ll 

Saturday, 28 October 2017

TERI TASWEER..!!





तेरी  ज़ुल्फ़ों  में  बंद  वो  खुशबू  चारो  तरफ  बिखर  रहि  थी।
तेरे  चेहरे  पर  वो  ख़ामोशी  मुझसे  बहुत  केह  रही थी। 

बस  करे  तो  मैँ  हरदिन  तेरी  ज़ुल्फ़ों  में  खोया  रहूँ ।
तेरी  खामोशियों  को पढ़कर एक साज़  दिया  करुँ ।

तेरी  होठों  के  वो  शबनम  छूने  को केह  रही  थी।
तेरे  चेहरे पर  बिखरे  हुए  ज़ुल्फ  दिन  को रात कर  रही  थी। 

सच  कहुँ  तो तेरी  ये तस्वीर  मेरी  राहत  है। 
तुझे हर रंगों  से  रंग  देने  की  मेरी  चाहत  है। 

Monday, 14 August 2017

BEWAJAH..!!




बेवज़ह सी बातें हर वक़्त तुमसे होना। 
बेवजह मेरा और तुम्हारा मिलना। 
सबकुछ  बेवजह सा यूं  ही हो जाना।
कुछ तो वजह है इन बेवजह सी हालातों का होना।


सारी रातें बेवज़ह मेरा जगना।
तारों से बातें किया करना। 
फिर उन तारों में तुमको देखना।
बेवजह सी रातों का यूँ  ही कट जाना। 


बेवजह तुम्हारी आंखें  मेरी आँखों से मिल जाना । 
फिर तुम्हारा यूँ  ही मुस्कुराना । 
बेवजह  लम्हों का धागा सा बंध जाना।

बेवजह किसी को याद कर यूँ ही  आँखे नम नहि होती है। 
दो पल का ही मिलना सही पर उसमे भी कुछ न कुछ तो वजह होती है। 

बेवज़ह सा मैं और तुम।

Tuesday, 17 January 2017

ROSHNI SE TUM BANI HO...YA ROSHNI TUMSE.!!



रौशनी से  तुम  बनी हो। 
या रौशनी तुमसे। .
हुस्न  कि तुम  परी हो। 
मेरी  आँखों की  तुम्ही  रौशनी  हो। 

किस सितारो  पे तुम  रहती  हो।    
वहाँ से  तुम  क्या  क्या केह जाती हो।
अक्सर  उड़ कर मिलने जाता हु तुमसे. 
तुम बादलों में कही छिप जाति हो.

रौशनी से तुम बनी हो 
या  रौशनी तुमसे
तुम मेरे  ख्यालों की एक लड़ी हो
 मेरे आँखों की तुम्ही रौशनी हो। 
तुम सिर्फ मेरी और मेरी हो।

Thursday, 17 November 2016

BAAT NIKLEGI TO DOOR TAK JAYEGI..!!







Baat niklegi to door tak jayegi..

Phir logo me baat hogi...logo se mulakaat hogi..

Log puchennge itna pareshan kyu ho..itna hairaan kyu ho..

Phir mai kahunga..logo ki baaton se..unki shiqayato se. 


Baat niklegi to door tak jayegi. 

Un tak baat pahuchogi..

Phir unse baat hogi...unke mehfil me sau baaton ki ek baat hogi .  

Phir log puchennge..itna musquraate kyu ho..itna ghabrate kyu ho

Phir mai kahunga sab mehfil aur soch ka nazariya hai. .

jaise log waisa hi mera zariya hai.

Baat niklegi to door tak jayegi.!!

Wednesday, 6 July 2016

TUM SAB JAANTE HO..!!



 Haqiqat to tum sab ki jaante ho.!!
Jo tum chahate ho wahi hota hai..
Tumse bada kaun hai..tumse chupa kaun  hai..


Tumhi ne to Sab kuch diya hai...tumhi ko to phir lautana hai..
Kaun aaya hai yaha hamesha ke liye..
kaun leke gaya hai kuch apne saath yah se.
Sab to tumhara hi likha hai....Sab to yaha tumhara hai..


Haqiqat to tum sabki jaante ho..
Phir kya dikhawa phir kya bagawat...
Jo Tum chahate ho wahi hota hai...
Tumse bada kaun hai..tumse chupa kaun hai..

Haqiqat to tum sab ki  jaante ho..!!

Tuesday, 17 May 2016

SAB BAATEIN ABHI MAT KARO..!!

 

Sab baatein abhi mat Karo..
Sab shikayatein abhi mat Karo
Sab gustakhiya abhi mat Karo..
Abhi to raat shuru hui hai..
Is raat me ek haseen pal ka sama baan
dh kar rakh do.!!

Har waqt mujhse yu hi Mila Karo..
Har baar tum meri baatein kiya karo..
Abhi to Mere paas aaye ho
Ab jaane ki zid yu na Kiya Karo.!!

Ab baaton baaton mein ye waqt ko na barbaad karo..
Apne aap ko mujhse tum kabhi na juda karo..
Sab baatein abhi mat Karo..
Sab shikayatein abhi mat Karo..!!

सन्नाटा

हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है  इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया  है ! हर तरफ सन्न...